अग्री भारत समाचार से अली अकबर चल्लावाला की रिपोर्ट
मेघनगर । संसार प्राकृतिक और वैचारिक प्रदूषण के चपेट में है। आज जहां प्राकृतिक प्रदूषण के प्रकोप से निपटने के लिए हम वृक्षारोपण अभियान चला रहें है, वहीं वैचारिक शुद्धता को फिर से स्थापित करने की दृष्टि से "आओ पुस्तक पढ़े अभियान भी चलाना ज़रूरी है।" यह विचार महागीत ईश्वर प्रेरणा के लेखक पंडित मुस्तफ़ा आरिफ ने रतलाम के लायंस क्लब हॉल मे मुस्लिम स्टुडेंट एजुकेशन एंड वेल्फेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित प्रतिभाशाली छात्रो के सम्मान में आयोजित समारोह में व्यक्त किए।
पंडित आरिफ ने कहा कि पिछले दिनो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की दुर्घटना ने संपूर्ण विश्व में आईटी संस्थानो को विचलित कर दिया कम्प्यूटर नहीं चले कर्मचारी आफिस छोड़कर सड़को पर आ गए उसके कुछ दिन बाद हाल ही एक और वायरस ने हमला कर दिया 300 बैंक इस दुर्घटना के शिकार हुए, घंटो ग्राहक सेवा ठप हो गई। सोचो अगर किसी भी समय प्राकृतिक आपदा ने सारे सेटेलाइट ठप कर दिए तब क्या हौगा? इसका एक मात्र हल पुस्तको और लिखित रेकार्ड का संरक्षण और संवर्धन। इस दिशा में चिंतन मनन का ये उचित समय है। इंटरनेट के अभ्यस्त युवको और नौनिहालो को पुस्तक से विमुख होने से बचाना बेहद ज़रूरी है। इसलिए वृक्षारोपण के साथ पुस्तक पढ़े अभियान जरूरी है।
पंडित आरिफ ने संस्थान के पदाधिकारियों को बधाई दी कि वे इस दिशा में जागृत है। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही प्रकाशित पुस्तक 'एक है ईश्वर (कुरान मंथन) भारतीय परिप्रेक्ष्य में चयनित पद' अतिथियो को भेंट की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. वाय. के. मिश्र प्राचार्य शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम, सेवानिवृत्त प्राचार्य शिक्षाविद ओम प्रकाश मिश्र, मोहम्मद इब्राहिम शैरानी सदर अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन रतलाम और सुप्रसिद्ध उद्धोगपति समाजसैवी सैयद मुख्तियार अली साहब ने उपस्थित अतिथियों और छात्रो को संबोधित किया। इस अवसर पर 75% अधिक अंक प्राप्त करने वाले 12वीं और 10 वीं के इस वर्ष उत्तीर्ण छात्रो को पुरस्कृत और सम्मानित किया गया। संस्थान के सदर इस्हाक खान पठान, कार्यक्रम के संयोजक इकबाल एहमद कुरैशी और साथियो ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया।
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