अग्री भारत समाचार से अली अकबर चल्लावाला की रिपोर्ट।
मेघनगर । हिंदी अकादेमी मुंबई और मालवा रंगमंच समिति के संयुक्त तत्वावधान में अध्यक्ष केशव राय के नेतृत्व में आयोजित पांच दिवसीय मुंबई अंतरराष्ट्रीय लिटफेस्ट के समापन पर विभिन्न विषयो पर ऑफलाइन और ऑनलाइन चर्चा परिचर्चा हुई। इस अवसर पर लेखक समिक्षक राकेश कुमार ने पंडित मुस्तफा आरिफ द्वारा हिंदी में रचित 10000 पद 18 अध्याय की ईश स्तुति 'ईश्वर प्रेरणा' पर विस्तार से चर्चा की। कुरान शरीफ की शिक्षाओ पर आधारित अपने महागीत के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसे भारत के जनमानस का लिए एक मार्गदर्शक कार्य बताया। पंडित मुस्तफा आरिफ ने कहा कि कुरान के 6666 पदो को पदावली के रूप में हिंदी में 10000 पदो में सामने आने से वर्तमान पीढ़ी और आमजनों की भ्रामक भ्रांतियों का निवारण होगा। भारतीय परिप्रेक्ष्य को मद्देनजर रखते हुए रचे गए हम्दे अज़ीम यानी ईश्वर की प्रशंसा में लिखे गए महागीत से आपसी समझबूझ और सौहार्द का ताना बाना और अधिक मजबूत होगा।
अंतिम दिन मातृ भाषा हिंदी के वर्चस्व, उपेक्षा और राजतंत्र पर घटते प्रभाव को लेकर श्री केशव राय और श्री राजेश राठी और लघु फिल्म 'एक दिन ही क्यूं? का प्रदर्शन किया गया। निर्देशन और पटकथा भी केशव राय और राजेश राठी ने लिखी है। दर्शको को इस प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया। निर्माण के सभी पक्ष सराहनीय थे।
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