अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला। विकासखंड थांदला नगरीय क्षेत्रों व कस्बों में जीवनदायिनी माँ पद्मावती नदी के मध्य व बीच सड़कों के किनारों पर ईंट भट्टा संचालित हो रहे है। इन ईट भट्टों की पकाई के समय निकलने वाला धुंआ व राख के प्रदूषण से जहाँ स्थानीय रहवासी को परेशानी हो रही है वही इस मार्ग से आवागमन करने वालें ग्रामीणों व अन्य यात्रियों के दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है।इन अवैध अस्थायी ईट भट्टों के लिए जो मिट्टी उपयोग में लाई जा रही है वह भी खनिज संपदा का अवैध दोहन ही है। एसडीएम तहसील कार्यालय से महज 2 से 3 किमी की परिधी में ऐसे दर्जनों ईट भट्टों का संचालन हो रहा है जिससे जीवनदायिनी माँ पद्मावती नदी भी प्रदूषित हो रही है जिसके सौंदर्यीकरण का सपना नवीन परिषद ने प्राथमिकता से करने का जनता से वादा भी किया था।
एसडीएम तहसीलदार को शिकायत फिर भी निराकरण नही
नगर से सटे रिहायशी व सड़कों के किनारें ईट भट्टों का संचालन अवैध व गैर कानूनी है जिसकी अनेक बार शिकायत हो चुकी है यहाँ तक कि इससे जुड़े एक व्यवसायी नव निर्वाचित पार्षद भी है बावजूद इसके इन पर कोई कार्यवाही नही हो पाई है। ऐसे में जनता की समस्या व बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के साथ यदि इन ईट भट्टों के धुओं व उड़ती राख से यदि कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदार वर्तमान नगर परिषद व तहसील प्रशासन रहेगा।
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