अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुंड जो एक अत्यंत प्राचीन, तेजोमय , जागृत तथा रमणीय स्थान है। यहाँ जगत पालनहार भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ने इसी स्थान पर नदी में अपना रक्त रंजित परशु परिष्कृत कर प्रायश्चित साधना की थी। भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में परशुराम कुंड तीर्थ क्षेत्र के कायाकल्प, संरक्षण एवं संवर्धन का अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। इसी स्थान पर देश की स्वनामधन्य संस्था विप्र फाउंडेशन द्वारा पू. स्वामी चिरंजीवी रामनारायणदासजी महाराज के सानिध्य में
परशुराम कुंड तीर्थोन्नयन में विशेष सहभागिता निभाते हुए सर्वसमाज के सहयोग से 11 करोड़ की लागत से 51 फिट पंचधातु की दिव्य और भव्य परशुराम मूर्ति स्थापित की जा रही है। इस ऐतिहासिक तीर्थ दर्शन व प्रतिष्ठा महोत्सव में देश के सकल ब्राम्हण एवं भगवान परशुराम के भक्तों को आमंत्रण देने अमृत भारत रथ परशुराम कुंड आमंत्रण यात्रा पूरे देश में भ्रमण कर रही है जो मध्यप्रदेश के थांदला नगर में पहुँची। प्रथम चरण में संस्था द्वारा अयोजित 61 दिनों की यात्रा में सभी देशवासियों को वे पीले चावल से आमंत्रण दे रहे हैं। यहाँ स्थानीय ब्राम्हण समाज के रजनीकांत उपाध्याय, मनोज उपाध्याय, प्रशांत उपाध्याय, पुनीत शुक्ला, किशोर आचार्य, ऋषि भट्ट, निलेश उपाध्याय, चेतन आचार्य, विपुल आचार्य, देअल जोशी, दीपेश जोशी, संजय चौहान आदि ने भव्य स्वागत करते हुए सभी का अभिवादन किया।
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