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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से तहसील संवाददाता राकेश लछेटा की रिपोर्ट

पेटलावद । 2 दिन पूर्व प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के द्वारा गृहमंत्री व जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबासिह बेस  एवं गृह मंत्रालय  व जुड़े हुए अधिकारियों एवं प्रदेश के समस्त कानून व्यवस्था से जुड़े हुए अधिकारियों की बैठक  भोपाल में ली गई थी।और बैठक में मुख्यमंत्री के द्वारा यह कहा गया कि जनता से व्यवहार ,बेहतर संवाद, और अपराधों के नियंत्रण के आधार पर मध्य प्रदेश के थानों की रैकिंग की जाएगी मुख्यमंत्री का इस बैठक के पश्चात आया बयान स्पष्ट रूप से यह संकेत दे रहा था कि मध्यप्रदेश में पुलिस थानों में जनता के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और इस अच्छे व्यवहार के परिणाम स्वरुप  रैकिंग की जाएगी। लेकिन प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह को यह मालूम नहीं कि  प्रदेश  के आदिवासी अंचल में झाबुआ जिले में पुलिस के द्वारा गुंडों ,अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पीड़ितों और फरियादियों को ही परेशान करके वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है।  कुछ दिन पूर्व जहां समीपस्थ ग्राम रायपुरिया में पुलिस थाना के थाना प्रभारी और स्टाफ के द्वारा आम जनता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने ओर  मारने का मामला प्रकाश में आया था और पुलिस की असंवेदनशीलता पर पूरा  क्षेत्र एकत्रित होकर थाने का घेराव किया था। वही यह मामला अभी शांत हुआ ही नहीं है कि फिर से पेटलावद में पुलिस की प्रताड़ना का एक नया मामला प्रकाश में आया है ।



यह है मामला


 नगर से कुछ दिन पूर्व एक  व्यापारी अशोक झाड़मता आकस्मिक अपने घर से गायब हो गया है,जब काफी तलाशने के बाद व्यापारी नहीं मिला तो घरवालों ने थाने में जाकर उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई ,परिवार को घर से व्यापारी के द्वारा लिखा गया एक तीन पेज का नोट भी मिला है, जिसमें उसने अभिषेक पम्पम पटवा, ईष्वर आंजना ,एवं दो अन्य के नाम लिखें, जिसमें उनके द्वारा उससे पैसों की ठगी करने का आरोप लगाया और उससे इन्होंने पैसा लिया, जो वापस पैसा नहीं देने का भी आरोप नोट में लिखा है, गुमशुदा व्यापारी ने नोट में नामजद लिखा है कि इनके द्वारा उनसे पैसों के लेनदेन थी, जिससे वह उनके पैसे नहीं लौटाने से वह अत्यधिक परेशान है, और उसको मानसिक तनाव भी है ,जिससे परेशान होकर वह कहीं जाकर आत्महत्या कर लेगा ,और उसकी मौत का जिम्मेदार भी नोट में नामजद लिखा है।

जिस पर परिवार वालों ने 3 पेज का नोट थाने में दिया और संबंधित से पूछताछ करने का निवेदन किया और पुलिस से गुमशुदा व्यापारी को तत्काल तलाशने का कहा । लेकिन करीबन 16 दिन बीतने के बाद भी पुलिस संबंधित व्यापारी को नहीं तलाश पाई । और पेटलावद पुलिस बेवजह गुमशुदा व्यापारी अशोक के परिवार को परेशान कर रही है, उन्हें बार-बार थाने से नोटिस देकर यह पूछ रही है कि आप यह बताओ कि अशोक झाड़मता इतने पैसे लाया कहां से हैं ? और क्या काम करता है ?और इतने पैसे उन्होंने कैसे कमाए ? पीड़ितों के द्वारा मीडिया के सामने थाना प्रभारी पेटलावद के हस्ताक्षर से दिनांक 29. 12. 2021 को जारी हुआ फरियादी जनता को सूचना पत्र जारी किया गया है जिसमें 20 वर्षीय फरियादी यश  जेन  से पिछले  20 वर्ष के हिसाब किताब एवं संपत्ति के बारे में जानकारी और  पुलिस के द्वारा  जानकारी मांगी जा रही है लगभग ऐसे कई 20 बिंदु से अधिक पर पेटलावद पुलिस ने पीड़ित परिवार से जानकारी मांगी, जिस पर पीड़ित परिवार पहले से परेशान तो था ही और उस थाने से गए नोटिस से और ज्यादा सदमे में आ गया, अब परिवार वाले सोच रहे हैं की ईतना हिसाब कैसे बनाएं, 20 साल का हिसाब कहां से लाएं, पहले हिसाब बनाएं कि हमारे गुमशुदा व्यक्ति को तलाशे । 

दो सप्ताह से अधिक हमारे परिवार का मुखिया पैसों से परेशान होकर मानसिक तनाव में आकर कहीं चले गए हैं ,जिंदा है या नहीं यह भी हमें पता नहीं ,हम लगातार उन्हें तलाश रहे हैं और पुलिस उधर अलग हमें परेशान कर रही है, इस पर आज परिवार परेशान होकर पेटलावद थाने पर पहुंचा और पुलिस को खरी खोटी सुनाते हुए उन पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया, पुलिस पर आरोप लगाते हुए महिला का रो-रो कर बुरा हाल हो गया ,लेकिन पेटलावद पुलिस का दिल नहीं पसीजा, थाने की चौखट पर परिवार ने रो-रोकर कहा कि हमारे घर के मुखिया को तलाश दो, फिर भी पुलिस उन्हें ढूंढने के बजाय बेवजह हमें ही परेशान कर रही है।

पिछले 2 वर्षों से पेटलाव द थाने वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भले ही प्रत्येक मामले में मीडिया के सामने खुद को पाक साफ कहते हुए कई मामलों में वाहवाही लूटने का प्रयास किया जाता है लेकिन ऐसे  एक मामले नहीं है जिसमें पीड़ित और फरियादियों को थाने में परेशान किया जा रहा है ऐसे और भी कई मामले हैं।इस तरह से  पेटलावद पुलिस थाने में गुंडों, अपराधियों पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़ित और फरियादियों को परेशान किए जा रहे है ऐसे में सीएम के निर्णयों ओर घोषणाओं का खुलेआम क्षेत्र की पुलिस मख़ौल उड़ा रही हे।


पीड़ित बोले..... 

मेरे पति 21 दिसंबर से गुमशुदा है जो घर पर एक चिट्ठी छोड़कर गए हैं, जिसमें उन्होंने कुछ नाम भी लिखे हैं जो उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे और उन्हें परेशान कर रहे थे, जिससे वह परेशान होकर घर छोड़कर गए है, पुलिस मेरे पति को ढूंढने के बजाय हम पीड़ित परिवार को ही परेशान कर रही हैं...संगीता झाडमता, गुमशुदा व्यक्ति की पत्नी।


हमारे द्वारा पुलिस थाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है किंतु 21 दिसंबर से अब तक मेरे पिता का कोई पता नहीं चल पाया है, पुलिस हमसे ही लेन देन का रिकॉर्ड मांग रही है हम हमारे पिता को ढूंढे या फिर पुलिस को रिकॉर्ड दे....

यश झाडमता, गुमशुदा व्यक्ति का पुत्र।

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