अग्रि भारत समाचार से रहमत अली की रिपोर्ट
सारनी । घोड़ाडोंगरी तहसील की खैरवानी पंचायत की ढोकली नदी से रेत का उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। रेत माफियो पर एनजीटी की रोक बेअसर साबित हो रहीं हैं। समूचे मामले में जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग में कुछ गिने चुने अधिकारी चन्द रुपयों के खातिर एनजीटी का पालन नही कर रहे हैं। पर्यावरण से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि एनजीटी जारी होने के बाद अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने के लिए रात के समय फ्लड लाइट का प्रयोग होना चाहिए। जिससे नदी में अन्य जीवों को नुकसान नही पँहुचे। इसी वजह से रेत के उत्खनन पर रोक लगाई जाती है। परन्तु ढोकली नदी में देखने को नही मिल रहा है। बताया जाता है कि घोड़ाडोंगरी तहसील की ग्राम पंचायत खैरवानी की ढोकली नदी से खुलेआम रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेत के अवैध उत्खनन से नदी का पाट लगातार बढ़ रहा है। जिसकी वजह से कई एकड़ जमीन खराब हो रही है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर एवं खनिज विभाग को शिकायत कर रेत के अवैध कारोबार को बंद करने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का आरोप है कि खनिज विभाग के अधिकारी पँहुचते है। परन्तु कोई कार्यवाही नही करते है। खनिज विभाग के अधिकारी करवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति कर बैरंग लौट जाते हैं। इतना ही नही खनिज विभाग कार्यवाही करने से पहले ही रेत माफियो को सूचना भेज देते हैं।जिसके चलते अवैध उत्खनन जोरो पर चल रहा है। एनजीटी लागू होने के बाद नदी से रेत का उत्खनन पूरी तरह से बंद रहता है। इतना ही नही खनिज विभाग को नदी पर जाने वाले रास्तों को पोकलेन एवं जेसीबी मशीन से काटकर बन्द कर देता है।परंतु खनिज विभाग रास्तो को बंद करने के बजाय अवैध उत्खनन एवं परिवहन की अनदेखी कर रहा है।अवैध रूप से उत्खनन कर परिवहन करने वाले वाहनों को जप्त कर प्राथमिक एफआर दर्ज होना चाहिए।
क्या है एनजीटी के नियम
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 30 जून को समूचे प्रदेश में एनजीटी लागू कर दी है। जो 15 अक्टूबर तक जारी रहेगी। इस दौरान रेत का उत्खनन एवं परिवहन पर पूरी तरह रोक लग जाती है। एनजीटी मानसून को देखते हुए लागू की जाती है।जिससे नदी के संरक्षण एवं जल संचयन नजर रखी जाती है।इसी वजह से नदी से रेत उत्खनन पर रोक लगा दी जाती है। अवैध उत्खनन की वजह से नदी का स्वरूप बदल जाता है।
Post a Comment