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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से सुसंस्कृति परिहार

Rihanna making people sleepless

नई दिल्ली । विदेशी सैलेबब्रेटीज़ ने किसान आंदोलन पर जिस तरह बंबारमेंट कर दिया उसने ना केवल सरकार की बल्कि कई तटस्थ रहे भाजपाई कलाकारों के होश फ़ाख्ता कर दिए। इसकी शुरुआत की रियाना ने की जो एक अन्तर्राष्ट्रीय पाप कलाकार हैं और जिनके दस करोड़ फाॅलोअर्स है जबकि हमारे साहिब जी के 6.5करोड़ ही है। मतलब ये रियाना का ट्वीट तुरंत 10 करोड़ तक पहुंच गया। उन्होंने बस इतना लिख दिया- 'हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? 'उनका आशय किसान आंदोलन से था। इतनी सी बात का बतंगड़ बना और रियाना की यह बात देश-दुनिया के करोड़ों लोगों तक और पहुंच गई अब रियाना के भारत के अराजक तत्वों के साथ सम्बंध खोजे जा रहे हैं।दूसरी हैं ग्रेटा थनबर्ग जो सिर्फ 18वर्ष की हैं पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके काम की दुनिया में चर्चा हुई जिन्होंने रियाना का समर्थन करते हुए किसान आंदोलन का पक्ष लिया उन्हें जब पता चला कि दिल्ली पुलिस ने उन पर एफ आई आर की है तो उन्होंने फि कहा-'मैं अब भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन का सपोर्ट करती हूं किसी भी तरह की नफ़रत, मानवाधिकार का उल्लंघन इसे बदल नहीं सकता। हालांकि दिल्ली पुलिस ने एफआईआर का खंडन कर दिया है 'उधर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस किसान आंदोलन पर लिखती हैं- यह कोई संयोग नहीं है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर एक महीने पहले हमला किया गया था, और अब, सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र पर हमला हुआ है. ये एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. हम सभी को भारत में इंटरनेट शटडाउन और किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस हिंसा पर गुस्सा आना चाहिए.इसके बाद विदेशों के कई सामाजिक कार्यकर्ता, अभिनेता, लेखक किसानों के पक्ष में मुखर हुए हैं जिनमें महिलाएं ज्यादा हैं संभवतः इसलिए कि वे ज्यादा संवेदनशील होती है । अभी अभी मिले समाचार से जानकारी मिली है कि अमरीकी फुटबाल खिलाड़ी प्र जूजू स्मिथ ने किसान आंदोलन के प्रर्दशनकारियों के लिए मेडीकल सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए 10हज़ार डालर की मदद भेजी है । ब्रिटिश पार्लियामेंट में किसान आंदोलन पर डिबेट होने को है। ब्रिटेन,कनाडा के प्रधानमंत्री खुलकर किसानों का समर्थन कर रहे हैं क्या ले सब गलत है।


कुल मिलाकर तकलीफ देह यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय जगत से आई इन खबरों को नकारात्मक नज़र से देखा जा रहा है तथा इसे भारत के अंदरूनी मामले में दख़ल बतौर देखा जा रहा है । विदेश मंत्रालय घबराहट में है ।उसे इस बात पर गौर करना चाहिए कि अमेरिकी चुनाव में साहिब जी ने वहां हाऊ डी मोदी में अब की बार ट्म्प सरकार के नारे लगवाए और देश में नमस्ते ट्म्प का आयोजन कोरोना की परवाह ना करते हुए किया ।क्या यह अमेरिकी के अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप नहीं था। पड़ोसी देश पाकिस्तान को जब तब बिना सबूत किसी आंतरिक घटना के लिए जिम्मेदार बताया जाना क्या उचित है? पुलबामा का अब पर्दाफाश हो रहा है उसमें पाकिस्तान कहां है जी। क्या हिटलर द्वारा जर्मनी के लाखों यहूदियों और राजनैतिक विरोधियों की हत्या जर्मनी का आन्तरिक मामला था? पाकिस्तान में हिन्दुओं, सिखों, महाज़िरों, शियाओं, सूफियों और अहमदियों का उत्पीड़न पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है? नहीं है न! अन्याय और अत्याचार किसी का आन्तरिक मामला नहीं हो सकता। म्यांमार के रोहिंग्या का मामला क्या आंतरिक मामला । प्राकृतिक संकट की घड़ी में भी कुछ आंतरिक नहीं रह जाता ।यह विचारणीय विषय है।

              देर से ही सही अधिकांश भारतीय सेलेब्रिटी जो दबाव में थे। क्या पता कब आयकर या ईडी के छापे पड़ जाएं। लिहाज़ा अंधराष्ट्रवाद से पंगा नहीं लेना चाहते। उनमें से ऐसे वे कलाकार मोदी के समर्थन में आए हैं जिनमें अक्षयकुमार हैं जो भी कनाडा के नागरिक हैं जिन्होंने पी एम साहिब का अरेंज इंटरव्यू लेकर यह सिद्ध करने की कोशिश की थी कि मोदी जी इंटरव्यू से डरते नहीं। सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर हैं जो देशके दुलारे हैं पर संघ से अंतर्मन से जुड़े हुए हैं ।भारत रत्न हैं तो सरकार का साथ ज़रूरी हो जाता है ।यह सूची बढ़ सकती है लेकिन किसानों की भारी तादाद उन्हें रोके हुए है ।काश इनमें ज़रा भी संवेदनाएं होतीं।

                      बहरहाल रेयाना का शुक्रिया जिन्होंने मानवीयता के नाते कम से कम इस देश को जगाने की कोशिश की ।यह आंतरिक मामला नहीं इंसानियत से जुड़ा मामला है।



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