अग्रि भारत समाचार से अली अकबर चल्लावाला की रिपोर्ट
मेघनगर । नगर के दशहरा मैदान कथा पंडाल में कथा के तीसरे दिन के जजमान माही वेदप्रकाश बसेर द्वारा विधिवत रूप से भगवान शिव पार्वती राम जानकी नवग्रह देवताओं की पूजा अर्चना की आज कथा में आचार्य पंडित नरेश शर्मा द्वारा कल सती द्वारा अपनी देह को भस्म करने के पश्चात दूसरे जन्म में वह पार्वती के रूप में मां में ना एवं पिता हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया बचपन से ही मां पार्वती शिव के प्रति अटूट निष्ठा थी बचपन से ही शिव की पूजा अपनी सहेली के साथ जा कर किया करती थी मां पार्वती ने शिव भगवान को मन ही मन पति के रूप में स्वीकार कर लिया था फिर भी पूर्ण भगवान शिव जी को प्राप्त करने के लिए उन्होंने कठोर साधना की तथा अपनी साधना को और कठिन करती गई यहां तक अन जल तक छोड़ दिया खाली बिल पत्र सेवन कर अपनी तपस्या जारी रखें शिव जी ने पार्वती की परीक्षा के लिए सप्त ऋषि को भेजा सप्त ऋषि ने नाना प्रकार से पार्वती जी की परीक्षा ली उनके सामने शिव जी की बुराई की फिर भी मां पार्वती ने तपस्या जारी रखी मां पार्वती की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया आचार्य पंडित नरेश शर्मा ने अपनी मधुर वाणी द्वारा मनुष्य को ईश्वर के प्रति अटूट आस्था के साथ अपने माता-पिता अपने सहयोगी से अच्छा व्यवहार करना चाहिए ताकि सभी मनुष्य को अपना बुढ़ापा सुधारना हो तो भाई भाई का प्रेम एवं परिवार के प्रति प्रेम होना चाहिए पश्चात कथा में शिव पार्वती के विवाह का आचार्य पंडित नरेश ने बहुत ही मधुर ढंग से श्रोताओं को समझाएं विवाह एक धार्मिक कृत्य है यही समझ कर सब से प्रेम तथा अच्छा व्यवहार करना चाहिए शिव पार्वती का विवाह सभी भक्तों ने धूमधाम से मनाया शिव पार्वती के विवाह के पश्चात ही समाज में विवाह की इसी रीति से परंपरा चली आ रही है पंडित जी ने आगे बताया कि कल राम जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा साईं मंदिर महिला मंडल की अध्यक्ष चंदनबाला शर्मा ने बताया कि कल सभी महिलाएं अपने घर से दीपक और आरती लेकर आएगी और पूरे पंडाल को सजाया जाएगा कथा में आसपास के गांव के श्रोता भी आ रहे हैं कथा में शिव पार्वती विवाह के उपलक्ष में महिलाओं नाच नाच कर शिव विवाह का आनंद लिया।
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