Breaking News
Loading...
Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ शफ़क़त दाऊदी की रिपोर्ट मो.न.9893790186

Do not curb the traditional drinking of tribal society without any reason. Administration and government… Mahesh Patel.

अलीराजपुर । प्रदेश शासन द्वारा अवैध मदिरा के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान को हम मान्यता देते है, किन्तु झाबुआ-अलीराजपुर में मुख्यतः संस्कृति व पारम्परिक तोर पर जुड़ी शुध्द ताड़ी पर प्रशासन की कार्यवाही समझ से परे हैंं। अवैध रूप से नकली ताड़ी के परिवहन व सँग्रह के विरुद्ध हम और आम जनता साथ है, जिनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए, किन्तु विवाह, पंच बैठक,अंतिम संस्कार, सामाजिक रीति रिवाज आदि में ताड़ी का प्रचलन शदियों से चली आ रही परम्परा है। ऐसे लोग पांच-दस लीटर ताड़ी अपने रिश्तेदार व सगे सम्बन्धी के यंहा लेकर जाने की परंपरा है। उनको भी अकारण पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा परेशान कर प्रकरण दर्ज कर रहे हैं।


उक्त बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने रविवार को कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहे। श्री पटेल ने प्रशासन और प्रदेश सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ जिले में अवैध शराब का कारोबार इनके ही छत्र छाया में फलफूल रहा है। वही गांव गांव में नकली और घटिया शराब की बेतहाशा परिवहन व बिक्री हो रही है, जिसको रोकने में प्रशासन नाकाम रहा है और आदिवासी समाज के वेध पारम्परिक पेय पदार्थ ताड़ी पर अपना डण्डा राज चला रहे हैं।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष पटेल ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 27 जनवरी बुधवार को हजारों स्थानीय रहवासी आदिवासीजन के साथ एसपी एवं कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर इस निरंकुश कार्रवाई को रोकने हेतु व निर्दोष लोगों के विरुद्ध दर्ज प्रकरण को वापस लेने की मांग का ज्ञापन देने सम्मिलित होंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अवैध व नकली शराब के विरुद्घ की जा रही कार्यवाही का हम समर्थन करते है, किन्तु अकारण भोले-भाले आदिवासियों को कुछ लीटर शुद्ध ताड़ी अपने परिजन के यंहा ले जाने वालों के प्रकरण बनाना बन्द करें । ऐसी कारवाही का हम विरोध करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं कि वह असली और नकली में फर्क कर नकेल कसें । करोड़ों रुपये के अवैध शराब की बिक्री व परिवहन पर पहले अंकुश लगाएं फिर मासूम आदिवासी पर नजर डालें। आदिवादी वर्ग अपने घर से आसपास को न्यूनतम दाम पर शुद्ध ताड़ी देने वालों का अपना रोजगार भी है, जिसे सरकार खत्म करना चाहती है। ताड़ी आदिवासी समाज की अजविका का मुख्य साधन भी है, जिसे बेचकर परिवार का पालन पोषण भी होता है। देशभर में प्रसिद्ध ताड़ी आदिवासी समुदाय की संस्क्रति ओर वर्षो पुरानी पुश्तेनी होकर उसके पूर्वज ताड़ी बेचकर घर चलाने का भी काम करते है। जिससे परिवार को आर्थिक लाभ मिलकर फायदा होता है। 


श्री पटेल ने कहा कि सरकार पहले उन्हें उचित रोजगार मुहैया करवाएं ताकि वो मुख्यधारा में आ सके । सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए छोटी-छोटी कार्रवाई कर बड़े बड़े लोगों को बचा रही है। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ता सहित अनेक वरिष्ठजन उपस्थित थे।

Post a Comment

Previous Post Next Post