अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ श्री सम्मेद शिखर पर जहाज मंदिर के प्रेरणा पुंज श्री सुयश सूरीश्वरजी का आगामी 2021 का चातुर्मास झाबुआ जिले में माँ नर्मदा की कलरव से गुंजीत देवझिरी तीर्थ पर होना निश्चित हुआ है। इस तीर्थ पर आचार्य श्री की प्रेरणा से झाबुआ के ख्याति प्राप्त अभिभाषक श्री निर्मल जी मेहता के भूखंड पर नवग्रह मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
वर्तमान में यहा अरिहंत परमात्मा, गौतम स्वामी,श्री मद राजेंद्र सूरीश्वरजी एवं श्री मणिभद्र दादा की प्रतिमा स्थापित की गई है।जिससे दर्शनार्थियों की आवा जाहि प्रारम्भ हे। आवास एवं भोजन की व्यवस्था भी भाविकों के लिए सुनिश्चित है। आचार्य सुयश सूरिजी अपने हींकार गिरी तीर्थ इंदौर में चातुर्मास पूर्ण कर देवझिरी में एक माह की मोन साधना में रत थे। 25 दिसम्बर मोन एकादशी के पावन अवसर पर साधना की पूर्णाहुति आयोजित की गई थी।इसी दिन आचार्य श्री का अवतरण दिवस भी था। दो प्रसंगों ने देवझिरी तीर्थ पर एक मेले जैसा माहौल निर्मित कर दिया। दाहोद, लिमड़ी, इंदौर, रतलाम, राणापुर, थांदला, झाबुआ आदि नगरों के सेकड़ो समाज जन उपस्थित थे। मणिभद्र दादा का हवन पूजन एवं आरती का लाभ भी लिया गया।ज्ञातव्य हो की आचार्य श्री को मणिभद्र दादा का साक्षात दर्शन होता है।
मनोहर भंडारी, निर्मल मेहता, यशवंत भंडारी, जानकीलाल सकलेचा, ललित सकलेचा, एवम दाहोद, लिमड़ी के भक्तो द्वारा आगामी चातुर्मास देवझिरी में करने की विनती की गई जिसे सहर्ष स्वीकार करते हुए आगामी वर्षावास करने की स्वीकृति दी जिससे पूरा परिसर जय जयकारों से गुंजायमान हो गया।आचार्य सुयश सुरीं ने अपने संबोधन में कहा की मानव अपने लिए आलिशान एवं भौतिक सुविधाओं से युक्त मकान भवन बनाता है पर उसे कोई याद नही करता परन्तु परमात्मा के लिए एक छोटा सा मंदिर का निर्माण कर अपनी सदलक्ष्मी का उपयोग करता है तो पूरे समाज में नाम कमा लेता है। इस मंदिर के निर्माण में जितना भी हो सके ह्रदय की विशालता से सहयोग करे। अंत में प्रभावना,स्वामीवत्सल्य,के साथ तीर्थ संस्थापक निर्मल मेहता ने लाभार्थी एवं उपस्थित श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।
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