संपादक मोहम्मद आमीन
नई दिल्ली । ध्यान क्यों किया जाता है, कैसे किया जाता है,क्या ध्यान से वास्तव मे हर तरह की समस्या से छुटकारा संभव है? ऐसे अनेकानेक प्रश्नों के उत्तर लेकर आया है नए साल का पहला रविवार। सहजयोग ट्रस्ट नई दिल्ली एवं पुणे प्रतिष्ठान से जुड़े सहजयोग इन्दौर के समन्वयक श्री सुरेन्द्र भिड़े जी ने बताया कि संस्था द्वारा आगामी 3जनवरी को प्रातः 9से रात्रि 9 तक लगातार 12 घंटे 15 भाषाओं में अनुभव सिद्ध ध्यान रीति का ऑन लाइन निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे आबाल वृद्ध सभी लाभान्वित होंगे।
शिक्षा काल मे अनगिनत लाभ पहुँचाता है सहजयोग ध्यान
आज की बढ़ती प्रतियोगिता में औसत विद्यार्थी भी अपने को बहुत पिछड़ा हुआ अनुभव करता है,अौर तनाव ग्रस्त हो जाता है।ऐसे में सहज योग की सरल ध्यान पद्धति अभिनव प्रयोग कर शिक्षार्थी के बुद्धि स्तर में भी परिवर्तन संभव करती है।फलतः विद्यार्थी के भीतर छिपी बहुमुखी प्रतिभाएँ सामने आने लगती हैं।
दरअसल कुण्डलिनी के जागरण से सहस्रार चक्र खुलता हैं और ब्रहम रंध्र को स्पर्श करती कुण्डलिनी एक प्रकाशीय बल को तैयार करती है।यह साधक के हृदय,मस्तिष्क,और चित्त (attention) तीनों में प्रकाशीय चेतना का संचार करती है जिसका परिणाम ये होता है कि हृदय और तर्क शक्ति(brain)एक हो जाने से आप के दृढ़ निर्णय शक्ति एवं आत्म विश्वास को बढ़ाती है ।साथ ही चित्त (attention) और इच्छा शक्ति(will power) के एक हो जाने से चित्त प्रभावशाली होता है , स्मरण शक्ति (memory) और अवशोषण शक्ति (grasping power) भी बढ़ जाती है।इस प्रकार ध्पान द्वारा बालक का सर्वांगीण विकास संभव है।
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