अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्दा की रिपोर्ट
घार । खुद से चल कर नही ये तर्के-ए-सुखंन आया है .. पॉव दाबे हैं बुजुर्गो के तो फन आया है और हमारे घर में बुजुर्गो से बडी राहत है, ये दरख्त फल नही देते तो क्या, साया तो देते हैं।
उक्त विचार शनिवार को जिला पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने ‘‘विश्व स्वैच्छिक सेवा दिवस’’ के अवसर पर ऐसे ही रोचक अंदाज में ‘‘ सुपर 60 ’’ सेवा और सम्मान समारोह में मुख्य आतिथ्य पद से भोज शोध संस्थान, लालबाग धार पर वृद्धजनो को शब्द सुमन अर्पित किये। आपने प्रतिदिन थिमेटिक फिटनेस की जरूरत बताते हुए कहा कि, ‘‘शरीर की सुने वह तुम्हारी सुनेगा’’ यूरोप-अमेरिका में वृद्धाश्रम बढते जा रहे है जबकि हमारी सभ्यता व संस्कृति आज भी पूरे विश्व में सराहनीय है। अध्यक्षीय आसंदी से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संतोष वर्मा ने कहा की जीवन रिचार्ज हेतु स्वैच्छिक सेवा की अनिवार्यता पर बल देते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को वांछित रमणीय परिदृश्य भी देखने को मिलेगा, यदि हम अपने इर्द गिर्द नदी, तालाबो और पहाडियों की स्वैच्छिक सेवा कर उसे पौधरोपण के माध्यम से जल संरक्षण के माध्यम से खुबसुरत बनाकर समाज के समक्ष अनुकर्णीय पहल करें। आपने अमका-झमका, सरदारपुर व मांडू के उदाहरण देते हुए प्राकृतिक संसाधनो की श्रेृष्ठतम उपयोगिता को रेखांकित किया। विशेष अतिथि अपर कलेक्टर श्री शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि निस्वार्थ व बिना अपेक्षा के उपेक्षितो की सेवा ही सच्ची सेवा है। शुरूआत सर्वोत्तम मित्र स्वयं के शरीर से करनी चाहिए व परीक्षण की आवश्यकता महसूस होने पर उसे अनदेखा नही करना चाहिए, क्योकि ‘‘ फिटनेस का डोज-आधा घंटा रोज ’’ के द्वारा स्वस्थ्य शरीर से ही हम सजग प्रहरी की भॉति परिवा।
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