अग्रि भारत समाचार से शफकत हुसैन दाऊद की रिपोर्ट मो.न.8962728652
अलीराजपुर । मुस्लिम समाज के सबसे बड़े पर्व और इस्लाम के पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के यौमे पैदाइश के दिन उनकी याद में पूरी दुनिया मे ही परम्परागत रूप से जुलूस निकाले जाते हैं, इसी तरह अलीराजपुरमें भी मुस्लिम समाज जन द्वारा व्यापक रूप से एकत्रित होकर हर साल पैगम्बर साहब के जन्मदिवस पर जुलूस निकाला जाता रहा है।
किंतु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने सभी प्रकार के आयोजनों को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई हैं, इसी तारतम्य में आने वाले पर्व पर पारम्परिक रूप से जुलूस निकालने एवं जुलूस में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को करने तथा सरकार की गाइड लाइन के पालन करवाने को आश्वश्त करने हेतु मुस्लिम समाज का एक प्रतिनिधि मंडल शहर काजी के साथ जल्शा कमेटी व जिम्मेदारन हजरत मंगलवार सुबह जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से मिले।
प्रभारी शहर काजी सय्यद हनीफ़ मिया ने बताया के आने वाले शुक्रवार को हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ पर्व मनाते हुए जुलूस की तैयारियों को लेकर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर से व पुलिस अधीक्षक से चर्चा की। उन्होने बताया कि मुल्क में कोरोना महामारी को देखते हुये सरकार द्वारा रैली, जुलूस आदि पर पाबन्दी बरकरार है। मुसलमानो ने अलहम्दुलिल्लाह इस दौरान इस पर अमल किया है।
दिनाँक 30 अक्टूबर 2020 को जश्ने ईदु मिलादुन्नबी (स.अ.व.) किस तरह मनाई जायेगी इस सिलसिले में शहर के उलमा व ज़िम्मेदार लोगों के साथ एक मीटिंग रखी। जिसमें मशवरे के बाद यह फैसला किया गया कि जिस तरह से हमने ईदुल फित्र, ईदुल अजहा, यौमे आशूरा को बड़ी सादगी से मनाया उसी तरह जश्ने ईद मिलादुन्नबी (स.अ.व.) भी मुंदरजा जेल हिदायात के मुताबिक मनाई जायेगी।
(1) शहर में निकलने वाला बड़ा जुलूस बहर मोहल्लों में निकलने वाले जुलूस इस बार कोरोना को देखते हुए नहीं निकाले जायेगें।
(2) मसाजिद व घरो में होने वाली तकरीबात को प्रशासन द्वारा जारी गाईड लाईन के तहत पूरा किया जायेगा इस दौरान सभी हजरात मास्क का उपयोग करें व सोशल डिस्टेन्सिंग की पालना करें
(3) जश्ने ईद मिलादुन्नबी (स.अ.व.) सादगी के साथ मनायें और गरीब, मिस्कीन, जरूरतमंदो की खुसूसी तौर पर ख़बरगीरी की जाये। दुरूद व सलाम का विर्द ज़्यादा से ज़्यादा किया जाये। अल्लाह तआला से दुआ करें कि वो जल्द से जल्द इस वबा का खात्मा करे और अपने बन्दो पर रहमतें व बरकतें नाज़िल फरमाए और मुल्क में अमन व अमान कायम रखें।
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