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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

 सफाई मित्रों से लेकर नगर निगम और जनता तक  हर किसी ने रचा ये स्वच्छता का इतिहास ।


अग्री भारत सामाचार से जुनैद हुसैन की रिपोर्ट।



इंदौर | भारत का दिल कहे जाने वाला इंदौर, अब देश का ‘स्वच्छता का भी ताजदार’ बन चुका है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में इंदौर ने एक बार फिर सबको पीछे छोड़ते हुए लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर नया कीर्तिमान रच दिया। ये सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि पूरे शहर की मेहनत, समर्पण और संस्कारों की कहानी है।


असली नायक – हमारे ‘सफाई मित्र ।


जब सुबह हम सड़कों पर निकलते हैं और हमें हर गली, हर मोड़ चमचमाती मिलती है, तो इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ है हमारे सफाई मित्रों का।

ये वही लोग हैं जो सुबह 4 बजे से झाड़ू लेकर निकलते हैं। न गर्मी देखते हैं, न बारिश और न ही सर्द हवाएं।

इनका मकसद बस एक – “इंदौर को साफ और स्वच्छ बनाए रखना।”


इनके पसीने की बूंदें जब ज़मीन पर गिरती हैं, तो इंदौर और भी निखर उठता है।


> “हम सिर्फ कचरा नहीं उठाते, हम शहर को सजाते हैं।” — एक सफाई मित्र की आवाज़



नगर निगम की प्लानिंग और प्रोएक्टिव अप्रोच।


इंदौर नगर निगम ने बीते कुछ वर्षों में स्वच्छता को सिर्फ एक मुहिम नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बना दिया है।

हर वार्ड, हर ज़ोन में अलग टीम, तकनीक से लैस मॉनिटरिंग, स्मार्ट डस्टबिन, कंपोस्टिंग प्लांट, और QR आधारित कचरा कलेक्शन जैसे कदमों ने पूरी व्यवस्था को सशक्त किया।



 100% घरों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, गीले-सूखे कचरे की वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेसिंग, 24 घंटे सफाई स्टाफ की रोटेशन ड्यूटी, शिक्षण संस्थानों, कॉलोनियों में स्वच्छता चैम्पियन तैयार किए गए




इंदौर की जनता  देश के लिए मिसाल।


इंदौर की जनता को सलाम!

हर नागरिक ने सफाई को अपनी ज़िम्मेदारी समझा। कचरा बाहर न फेंकना, गीले-सूखे कचरे को अलग देना, साफ़-सफ़ाई की आदतों को अपनाना – ये सब अब इंदौर की संस्कृति का हिस्सा बन चुका है।


> “हम अपने घर की तरह इंदौर को भी साफ रखते हैं।” — एक बुजुर्ग महिला, मल्हारगंज से



8वीं बार नंबर 1  इंदौर की पहचान, इंदौर का अभिमान ।


इंदौर का यह रिकॉर्ड न केवल गौरव की बात है, बल्कि यह अन्य शहरों को एक प्रेरणा देता है।

हर बार नये स्टैंडर्ड, नई तकनीक, और ज्यादा जनभागीदारी से इंदौर ने ये साबित कर दिया कि अगर इरादा पक्का हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं।



अब समय है और भी बेहतर बनने का।


सफाई में नंबर 1 बनना बड़ी बात है, लेकिन इसे बरकरार रखना और भी बड़ी चुनौती।

अब इंदौर को न सिर्फ भारत में, बल्कि एशिया के सबसे साफ शहरों में गिना जाए – इसके लिए सफाई के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त इंदौर और हरियाली को भी प्राथमिकता देनी होगी।



सैल्यूट उन हाथों को जिनकी वजह से इंदौर चमकता है ।



झाड़ू थामे वो हाथ, जिनमें स्वच्छता की शक्ति है,

माथे पर पसीना, पर मुस्कान में संतुष्टि है।

इंदौर के कोने-कोने को जिन्होंने मंदिर बना डाला,

ऐसे सफाई मित्रों को हमारा सलाम हर हाल में आला।



इंदौर वालों, ये सिर्फ जीत नहीं – ये ज़िम्मेदारी भी है। आइए, इस परंपरा को ऐसे ही आगे बढ़ाएं, और इंदौर को हमेशा स्वच्छता का सिरमौर बनाए रखें। यदि आप भी किसी सफाई मित्र या निगम कर्मचारी को धन्यवाद कहना चाहते हैं, तो आज ही एक फूल, एक मुस्कान या एक धन्यवाद ज़रूर दें – क्योंकि वही असली हीरो हैं हमारे इंदौर के।

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