अग्री भारत समाचार से ब्यूरो चीफ मु. शफकत दाऊदी की रिपोर्ट।
आलीराजपुर । जिले के नानपुर कस्बे में गुड़ी पड़वा हिंदू नववर्ष के पावन दिवस से नानपुर में श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व निकाली गई कलश यात्रा से वातावरण भक्तिमय हो गया। मंगलवार से देवी मंदिर , नानपुर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा में कलशों के साथ चुनरी परिधान पहने सकल हिंदू समाज समाज की महिलाओं व पुरुषों ने उत्साह व उमंग के साथ कलश यात्रा में भाग लिया कथा के यजमान योगेश सीताराम वाणी परिवार श्रीमद्भभगवद पोथी अपने सिर पे लेकर चल रहे थे। कलश यात्रा में शामिल महिला-पुरुषों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सभी भक्त जय श्री राम ,माता रानी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। बेडबाजे की मधुर भजनों की धुन पर युवा युवती की टोली थिरकते नाचते गाते भक्तों संग कलश यात्रा देवी मंदिर पर पहुंची । भगवदाचार्य व्यासपीठ पंडित कन्हैयालाल नागर (शाजापुर जिले के ) आशीर्वाद देते चल रहे थे । भागवत कथा का आयोजन हर वर्षानुसार सकल हिंदू समाज एवम "देवी मंदिर समिति" नानपुर द्वारा कराया जा रहा है जो कि 9 से 15 अप्रैल सप्तम दिवस भागवत ज्ञान गंगा आयोजन हो रही है। रात्री 8_बजे से 11_ बजे तक चलने वाली पावन भागवत गंगा कथा के मुख्य यजमान श्री सीताराम दुलासाजी वाणी परिवार है। कथा का मुल उदेशय सामाजिक कुरोतियो को दुर करना, बेटे बेटीयो को शिक्षा संस्कारों क्षैत्र मे आगे लाना। अपने सनातनी संस्कृति जुड़े रहने के साथ प्रत्येक घर घर रामायण,गीता ,सुंदरकांड,हनुमान चालीसा का पाठ हो साथ ही रोजना नगर के आसपास के क्षेत्र में पंडित नागर का प्रवास के दौरान सत्संग भी हो रहा है।
देवी मंदिर निर्माण समिती द्वारा समाज बंधुऔ से निवेदन करते हुए कहा की मंदिर निर्माण हेतु अपनी सहभागिता के साथ सहयोग की अपेक्षा करते है। भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक व्यासपीठ से पंडित नागर के मुखारविंद से कथा स्थल पर श्रीमद भागवत महात्म्य कथा एवं श्री शुकदेव आगमन, नारदजी की कथा, राजा परिक्षित को श्राप तथा विदुर कथा से वातावरण भक्ति मे सराबोर हो गया। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा का संक्षेप में श्रोताओं को सार बताते हुए कहा कि मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद् भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है जो पापियों को भी तार देती है। 9 अप्रैल भगवान का वामन अवतार, कपिलोपाख्यान एवं ध्रुव- चरित्रादि का वर्णन और ध्रुव कथा,10अप्रैल को नर्सिंग अवतार पर प्रसंग, 11अप्रैल को श्री राम, श्रीकृष्ण जन्म, नंदोत्सव, 12 अप्रैल को कृष्ण की बाललीला, मटकी फोड़ एवं गोवर्धन पूजा, 13 अप्रैल को महारास, कंसवध, रुक्मिणी- कृष्ण विवाह व 15 अप्रैल को सुदामा चरित्र, श्री शुकदेव पूजन, परीक्षित मोक्ष और पूर्ण आहुति के साथ भागवत कथा का विश्रामहोगा। प्रथम दिवस प्रसादी यजमान परिवार की और से रखी गई बाकी दिवस की आरती प्रसादी सभी हिंदू समाजजन द्वारा रखी गई । सात दिवस जलपान की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा रखी गई ,कथा के दौरान मातृ शक्ति और युवा टोली का विशेष सहयोग दे रहे है। इस अवसर पर आसपास से सैकड़ों संख्या में भक्तजन कथा का रसपान के लिए आ रहे है। पुलिस प्रशासन का शोभायात्रा में सराहनीय सहयोग रहा।
Post a Comment