अग्रि भारत समाचार से विशेष संवाददाता ताहा दाऊदी की रिपोर्ट।
नानपुर । शस्त्रो के साथ शस्त्र पूजन सनातन धर्म की परंपरा रही है,हमारी परंपरा में श्रीगणेश उत्सव के रूप में प्रथम पूज्य गणेश जी की स्तुति कर श्राद्ध पर्व के अवसर पर हम हमारे पूर्वजों द्वारा किये संघर्षो को याद करते हुए उनके प्रयासों से ही हम इतनी यातनाये एवं पराधीनता के बाद भी सनातन संस्कृति की मूल परम्परा में सुरक्षित है के भाव के साथ उन्हें याद करते है। उसके बाद शक्ति की उपासना कर मां शक्ति स्वरूपा दुर्गा की आराधना कर अजय शक्ति की कामना करते हुए दीपावली पर लक्ष्मी की पूजा करते है, अर्थात हम श्री गणेश का आव्हान कर जब तक हमारे पूर्वजों के संघर्षो को याद करते हुए शक्ति की उपासना कर अजय शक्ति प्राप्त करेंगे तभी तक दीपावली पर्व पर लक्ष्मी पूजन करते रहेंगे नही तो आक्रमणकारी हमे लूटने के लिए तैयार बैठे है। समस्याएं अनेक है समाधान सिर्फ एक ही सशक्त संगठित हिंदू समाज। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नानपुर शाखा के विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन कार्यक्रम में बौद्धिक वक्ता धार विभाग बौद्धिक प्रमुख श्री हरिओम जी शर्मा ने प्रगट किए।मुख्य अतिथि बीएसएफ के रिटायर्ड ऑफिसर चमारिया मौर्य तथा अध्यक्षता माली समाज के वरिष्ठ बुदिया माली ने की। सेकड़ो की संख्या स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
संचलन नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ पुनः माली की बाड़ी में समाप्त हुआ।संचलन का विभिन्न मार्गो और चौराहों पर स्वागत व अभिनंदन किया गया। विभिन्न संगठनों व मातृशक्ति द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया गया। पथ संचलन में स्वयंसेवक संघ की गणवेश में घोष की रचनाओं पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी पुरी मुस्तैदी से ड्यूटी करते नजर आए।
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