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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News
अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
Memorandum given to BEO regarding payment of two months of guest teachers.

थांदला । कोरोना संक्रमण के दौरान प्रशासन के अनेक कर्मचारी छुट्टी पर होने के बावजूद उन्हें वेतन दिया गया वही अनेक अतिथि शिक्षकों ने इस दौरान भी कार्य किया बावजूद इसके उन्हें मई व जून माह का वेतन नही दिया गया। इससे आक्रोशित अतिथि विद्वानों ने थांदला बीइओ कार्यालय पहुँच कर आवेदन देते हुए दो माह के शीघ्र भुगतान की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि अतिथि शिक्षकों को कोरोनकाल के इन दो माह के वेतन भुगतान नही किये जाने पर शिक्षा विभाग के जनजातीय आयुक्त भोपाल ने भी आपत्ति लेते हुए तत्काल भुगतान के निर्देश दिये जा चुके है। इधर झाबुआ सहायक आयुक्त ने बीइओ को निर्देशित कर जल्द भुगतान की सिफारिश भी की है। स्थानीय बीइओ एस एन श्रीवास्तव के अनुसार जिला सहायक आयुक्त के सन्दर्भित पत्र का हवाला देकर सभी प्राचार्यों को सभी अतिथि विद्वानों के द्वारा किये गए कार्य विवरण के साथ बिल प्रस्तुत करने के आदेश जारी करते हुए जल्द ही भगतान की बात कही गई है।


कन्या उमावि प्राचार्य की मनमानी उपस्थित अतिथि शिक्षकों के वेतन काटे

कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यायल के व्यवहार से अतिथि शिक्षक परेशान नजर आए। अतिथि शिक्षकों ने बताया की सभी अतिथि शिक्षकों को नियमानुसार 4 पीरियड पढ़ाने होते है जबकि उनके द्वारा दबाव बनाकर 5 पीरियड पढ़ाये जाते है वही वे शाला में उपस्थित होते है बावजूद वेतन काट लिया जाता है। एक अतिथि विद्वान के तो 6 हजार रुपये तक काट लिए गए। इस संदर्भ में कन्याशाला प्रभारी प्राचार्य विद्यालय में बिना किसी को प्रभार दिए नदारद दिखाई दिए। सूत्रों का कहना है कि वे जिले से बाहर होकर आना जाना करते है ऐसे में अधिकांश समय बाहर ही रहते है। इस संदर्भ में उनके अवकाश पर होने की जानकारी चाही गई तब बीइओ व जिला सहायक आयुक्त ने अनभिज्ञता व्यक्त करते हुए विभाग में उनकी सीएल आवेदन आने की जाँच के बाद उचित कार्यवाही करने का कहा गया। आपको बता दे कि शासन के नवीन नियमों के अनुसार संस्था प्रमुख को कर्तव्य स्थल पर ही शासकीय आवास दिया जाता है वही उन्हें अन्य किराये के आवास पर रहने के लिए भत्ता दिया जाता है जबकि किसी के पास निजी घर हो तो उसे उपर्युक्त सुविधा नही दी जाती। नियमों को अनदेखी करते हुए संस्था प्रमुख अन्य जिलें में निवास करते है वही उनके सीएल पर जाने से अन्य को प्रभार नही दिया जाना उनके कार्य के प्रति लापरवाही दर्शाता है। ऐसे में जिला सहायक आयुक्त अथवा भोपाल आयुक्त क्या निर्णय ले पाएंगे यह आने वाले समय मे पता चलेगा।


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