अग्रि भारत समाचार से मदन गौर की रिपोर्ट
हरदा । दान तो सभी करते है पर जो संकट की घड़ी में दान करे वो सर्वश्रेष्ठ दान माना जाता है।इस कोराना काल में लोग आक्सीजन की कमी से जूझरहे है।और अपने प्राण जिन्दगी और मौत के बीच में सांसे भर रहे इसी को देखते हुऐ हरदा विधानसभा के ग्राम नीमगांव निवासी पुत्र केशव पवार ने अपने पिता की स्मृती में ऐसा काम कर दिखाया जो तारीफ के काबील है इस नेक काम करके पुण्य कमाना सराहनीय पहल देखने को मिली पुत्र केशव पवार ने
स्वर्गीय श्री राजनारायण जी पंवार नीमगांव की स्मृति में उनके पुत्र केशव पंवार के द्वारा
(1) 1,00,000/- रुपए की राशि जिला अस्पताल हरदा में ऑक्सीजन मशीन के लिए
(2) 51,000/-रुपए की राशि धनगांव गौशाला में
(3) 5,100/- रुपए की राशि नीमगांव मंदिर
(4) 5,100/-रुपए की राशी मुकाम धर्मशाला
(5) 5,100/-रुपए की राशि नेमावर धर्मशाला
(6) 5,100/-रुपए की राशी खातेगांव मंदिर में दान की गई है।
लाखो की राशि दान देकर पिता की स्मृती को यादगार बना दियाधार्मिक भावना उत्पन्न होने एवं सेवा कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है एवं दान-पुण्य करने से कठिन परिस्थितियां भी सरल हो जाती है लेकिन सत्य मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति को हमेशा ही सेवा कार्यों का अवसर प्रदान होता है। दान देने पर लाभ लेने वाले व्यक्ति को हमेशा प्रभु का प्रेम मिलता है और उनकी कठिनाइयों को दूर करने में प्रभु स्वयं मददगार बनते है। पुत्र केशव ने बताया किमाता-पिता के अनेक उपकार।हमारे माता-पिता हमारे लिए आदरणीय होते हैं। उन्होंने हमें जन्म दिया है, हमारा पालन-पोषण किया है। उन्होंने हम पर अनगिनत उपकार किये हैं, जिसका बदला चुका पाना असंभव है। वे हमारे पहले गुरु होते हैं। भगवान से भी पहले उनकी पूजा की जाती है। हमारे माता-पिता भगवान का ही रूप होते हैं। भगवान ने हमारी रक्षा के लिए हमारे माता-पिता को भेजा है। माता-पिता की सेवा भगवान की ही सेवा है। माता-पिता की सेवा से भगवान खुश होते हैं। माता-पिता के क़दमों में स्वर्ग होता है, उनके आशीर्वाद से हमें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। उनके आशीर्वाद से हमें हर मुसीबत से छुटकारा मिलता है। उनका आदर करना और अपने से बड़ों का सम्मान करना हमारा सबसे पहला धर्म है ये सब कर दिखाया स्व राजनारायण जी पवार की स्मृति में परिवार द्वारा कोरोना काल मे तड़पती मानवता के सहयोग हेतु ऑक्सीजन मसीन के लिए 1 लाख रु शासकीय अस्पताल हरदा को दिए जाना अनुकरणीय पहल है साधुवाद का पात्र पंवार परिवार।
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