अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । रामा विकास खण्ड के ग्राम छापरी की संगीता डामोर पति अनिल डामोर स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की। समूह से जुडने से पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थति बहुत दयनीय थी। वे पति के साथ गांव में रहकर कृषि कार्य करती थी। परिवार की आय कम होने के कारण बच्चों का पढ़ाई लिखाई तथा घर का खर्चा ठीक से नहीं चल पाता था। वह स्व सहायता समूह से जुडकर समूह से छोटे-छोटे ऋण लेकर कृषि कार्य बढ़ाया और ग्राम में सभी समूहों की बैठक एवं लेन-देन का कार्य मन लगाकर करने लगी।
इसी के साथ आसपास के गांव में समूह बनाने का कार्य किया गया। उनके इस कार्य को देखते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन से बीसी कार्य के लिए उन्हे चुना गया। उन्होने स्वरोजगार योजना से एक लाख रूपये का ऋण प्राप्त कर कम्प्यूटर, प्रिंटर खरीदा। उनके पास सुबह से शाम तक महिलाओं की भीड़ लगी रहती है और उन्होने लेमीनेशन की मशिन भी खरीद ली है। जिससे व्यक्तिगत खाते, समूह का सारा लेन-देन का कार्य करती है। आज पूरे 50 गांव में संगीता बैंक दीदी के नाम से मशहूर है। उनकी दो बालिकाओं को अच्छी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन कार्य करवा पा रही है। वर्तमान में उनके द्वारा 35 हजार से 40 हजार रूपये का लेन-देन का कार्य किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप उनकी 15 हजार से 16 हजार रूपये की मासिक आमदनी हो रही है। इतना ही नहीं उन्होने ग्राम संगठन से ऋण लेकर अपने पति को होटल हलवाई का कार्य करवा रही है। जिससे 6 हजार से 7 हजार की आय अर्जित की जा रही है। इस प्रकार दोनों पति-पत्नि की आय मिलाकर प्रतिमाह 22 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही हैं। जिससे उनका परिवार बहुत खुश है और परिवार का जीवन स्तर भी सुधरा है। संगीता ने इसके लिए ग्रामीण आजीविका मिशन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
Post a Comment