अग्रि भारत समाचार से अली अकबर चल्लावाला की रिपोर्ट
मेघनगर । कथा के अंतिम नौवां दिन सब पुरुष और महिलाएं बहुत अधिक संख्या में नए वस्त्र पहन कर कथा सुनने के लिए बड़े उत्साह से आए आचार्य पंडित शर्मा ने सुंदरकांड के ऊपर बहुत ही विस्तार से समझाया सुंदरकांड रामायण का ह्रदय और हनुमान जी जैसे भक्त हजारों हजारों साल में कोई विरले ही होते हैं कथा में श्री हनुमान जी द्वारा समुंदर पार लंका जाकर मां सीता का का पता लगाना तथा राम सेतु का निर्माण नल और नील वानर की विशेष भूमिका एम अंगद द्वारा शांति प्रस्ताव लेकर जाना रामेश्वरम की स्थापना आदि प्रसंग पर पंडित जी ने बहुत विस्तृत से बताया लक्ष्मण मेघनाथ के युद्ध का वर्णन रोमांच करने वाले थे कुंभकरण और आदि राक्षसों का नाश करने के बाद भगवान राम ने रावण पर पूर्ण विजय प्राप्त की विभीषण को वचन दिया था उनका राजतिलक करके पूर्ण किया पंडित जी ने बताया जो संपत्ति शिव भगवान ने रावण को दी थी वह वही संपत्ति राम ने विभीषण को दे दी युद्ध समाप्ति के बाद राजाराम पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे और उनका बड़े धूमधाम से राज तिलक कर अयोध्यावासी खुशी से झूम उठे महाराज जी ने बताया रामराज 10000 वर्ष तक कायम रहा कथा पंडाल में आचार्य नरेश पंडित शर्मा का शे लेक्सी वर्मा विनोद बाफना निसार पठान प्रेमलता भट्ट और राणापुर से आए सोनी परिवार साईं मंदिर महिला मंडल राम और श्याम सोनी डिंपस रामचंद्र पडियार पडियार नरेश शर्मा का हरफूल साल से अभिनंदन किया यहां पर बबली जितेंद्र शर्मा का जो कथा के सूत्रधार है उनका अभिनंदन साईं मंदिर महिला मंडल एवं दर्पण पंचाल अभिनंदन जैन द्वारा 51 किलो हार पहनाकर जोरदार स्वागत किया और धन्यवाद दिया कि आप जब भी ऐसा धार्मिक काम करेंगे हम साथ में खड़े रहेंगे कथा पंडाल शे लेक्सी वर्मा दोरा एक मार्मिक भजन गायक पश्चात विनोद बाफना ने भी महिलाओं द्वारा कराए गए धार्मिक आयोजन की तारीफ की निसार पठान बेटी चांद पर भी पहुंच गई और बेटियां राम कथा भी कराने लगी कविता गाकर पंडाल को संबोधित किया पश्चात रामायण शास्त्र का विधिवत पूजन कर जुलूस निकालकर वापिस राम मंदिर पर डिंपल पडियार जजमान पंडित आचार्य शर्मा द्वारा राम जी के चरणों में रख दिए कथा में बबली शर्मा ने सभी साईं मंदिर महिला मंडल एवं ग्राम की सभी महिलाओं और पुरुषों का आभार और धन्यवाद दिया कि आपने बड़े से 9 दिन कथा में आकर सुनी आप का ऐसे ही सहयोग रहा ऐसा प्रेम रहा हम इसी तरह धार्मिक आयोजन करते रहेंगे तथा उनके विशेष सहयोग के लिए आयोजक उन्होंने राम दरबार का प्रतीक चिन्ह देकर सब का सम्मान किया।
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