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अग्रि भारत समाचार से विशेष संवाददाता डाॅ अज़ीज लकी की रिपोर्ट

Poetry seminar concludes on the birth anniversary of Pujya Guruji

कुक्षी । शारदा सर्जन मंडल एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद शाखा कुक्षी द्वारा शारदा वाचनालय के सभागृह में गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरिश्रवरजी महाराज साहब के जन्म जयंती की पुण्यतिथि से काव्य गोष्ठी समारोह मना कर वर्ष 2021 की साहित्य साधना की शुरुआत की।

कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ कवि श्री कैलाशचंद्रजी शर्मा के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं कुमारी दिव्यानी सोनी एवं कुमारी मानसी सोनी के द्वारा गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं श्री केसी शर्मा साहब का स्वागत सृजन मंडल के संयोजक रविंद्र जैन द्वारा किया गया। 


काव्य पाठ का आगाज कुमारी पूजा त्रिवेदी के द्वारा मां शारदा की आराधना के साथ हुआ। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ संगीत शिक्षक श्री भंवर सिंह जी परिवार द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत की गई। साहित्य मैं अग्रणी श्री गोपाल जी सोनी ने गुरुदेव के जीवन पर प्रकाश डाला।

जगदीश जी गुप्ता द्वारा अपनी रचना करोना एक नई जंग है से शुरुआत की। वही योग शिक्षक श्री मीणा जी ने गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। श्रीमती सारिका जी शर्मा ने अपनी रचना में कहां की जीवन में जब घोर अंधेरा छाता है तब गुरु ही साथ आता है। स्काउट टीचर एवं साहित्यकार श्री भूपेंद्र वर्मा ने गुरु को माटी से आकार देने वाला बताया। श्रीमती उमा शर्मा ने ओम हीजीवन ओम ही पालनहार भजन से सबका दिल जीता। एडवोकेट श्री राजेंद्र गुप्ता ने कहां गुरुदेव तुम्हारा हमारे हृदय में वास हैं कविता कह कर खूब दाद बटोरी। कुमारी पूजा त्रिवेदी ने गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहां गुरुदेव सर्वव्यापी हैं। प्रसिद्ध गायक कलाकार राजू डूंगरवाल ने गुरुवर गुरुवर गाए जा गुरु से लगन लगाए जा गीत प्रस्तुत किया। श्रीमती जयश्री जैन ने बताया कि सच्चे दिल से गुरु को याद करो तो गुरु कहते हैं कि मैं हूं ना।


श्रीमती प्रेमलता सोलंकी ने गुरु की महिमा को जग से न्यारी बताया कर खूब खूब तालियां बजवाई। श्री केसी शर्मा जी ने सशक्त रचना पढ़ते हुए कहां

ढोकर ले जा रहा हूं आज बोझ जिंदगी का पर पूरा सदन गुरुदेव के सम्मान में तालियां बजाने लगा। कार्यक्रम का जोरदार संचालन श्री वीरेंद्र त्रिवेदी कैंटरबरी द्वारा किया गया वही आभार श्री सतीश जी निरखे ने माना।


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