मध्य भारत संपादक अली असगर बोहरा मो.न.8962728652
झाबुआ । जिला मीडिया प्रभारी (अभियोजन) सुश्री सूरज वैरागी द्वारा बताया गया कि दिनांक 04.04.2015 को नायब तहसीलदार नीतिन चौहान- खाद्य निरीक्षक तथा ग्राम पटवारी की टीम ने आरोपी कैलाश के ग्राम खवासा में स्थित हर्ष क्लिनीक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आरोपी को ऐलोपैथिक पद्दति से मरीज वालचंद पिता हवजी का ईलाज करते पाया गया वहां एक महिला ने भी बुखार हेतु आना बताया। आरोपी के पास ऐलोपैथिक कंपाउंडर डिप्लोमा इन क्लिनिकल फॉर्मेसी की डिग्री पाई गई। आरोपी द्वारा स्टेपट मेडिकल प्रैक्टिसनर्स के रूप में रजिस्टर्ड नहीं होने के बावजूद भी ऐलोपैथिक पद्दति से ईलाज करते पाये जाने से आरोपी की क्लिनीक से दवाईयॉं तथा ईलाज चिट्ठियां जप्त कर पंचनामा बनाया। पुलिस थाना थांदला द्वारा आरोपी के विरुद्ध धारा 24 म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय न्या यालय थांदला के समक्ष पेश किया गया, जहां विचारण के पश्चाात अभियुक्त को दोषी पाया गया था। उक्त निर्णय के विरुद्ध आरोपी द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश कुमार गुप्ता साहब, जिला झाबुआ में अपील प्रस्तुत की गई थी।
अपील न्या्यालय द्वारा आरोपी की अपील निराकृत करते हुए इस आधार पर कि आरोपी कैलाश ने अपना नाम राज्य चिकित्सक रजिस्टर में अंकित करवाये बिना ऐलोपैथी पद्धति से ईलाज करते पाया गया था। ऐसी स्थिति में अपील न्यायालय द्वारा आरोपी की अपील को पूर्ण रूप से स्वी,कार न करते हुए आरोपी कैलाश पिता नारायण निवासी गुमानपुरा जिला धार को 3 माह के सश्रम कारावास एवं 1000/- रुपये के अर्थदण्डा से दंडित कर माननीय अपील न्यायालय द्वारा आरोपी झोला छाप डॉक्टार का जेल वारंट बनाकर जेल पहुँचा दिया गया। उक्त् प्रकरण का संचालन शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक के द्वारा किया गया। यह ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व में भी जिले में श्रीमान जिला दण्डानधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा मुहिम चलाकर झोला छाप डॉक्टरों के विरुद्ध अवैध रूप से ईलाज कर व्यवसाय करने वाले फर्जी चिकित्सकों के विरुद्ध भी कार्यवाही की गई थी।
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