अग्रि भारत समाचार से रशीदा पीठावाला की रिपोर्ट
इंदौर । जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय सहाबुद्दीन हासमी, 27वें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, इंदौर के समक्ष थाना भवरकुआं के सत्र प्र.क्र. 608/17 धारा 302, 327, 506 भाग 2 भादवि में निर्णय पारित करते हुए आरोपी राहुल पवार पिता रामकरण पवार उम्र 25 साल निवासी- गुरवा नगर सहारा सिटी के पास, इंदौर को 302 में आजीवन कारावास व 1000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया, अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का भी आदेश किया गया एवं धारा 327 एवं 506 में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया एवं अर्थदण्ड अदा न किये जाने पर 3-3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का भी आदेश किया गया। प्रकरण में पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक गोकुलसिंह सिसोदिया द्वारा की गई। उनके द्वारा उक्त प्रकरण में सभी महत्वपूर्ण अभियोजन साक्षियों के बयान न्यायालय में कराये जाकर नवीन न्यायदृष्टांत की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करवाकर आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिए जाने का निवेदन किया गया। न्यायालय द्वारा उभय पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आरोपी को उक्त दंड से दंडित किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि मृतक करण सिंह चोईथराम मण्डी के गेट के पास चौकीदारी करता था दिनांक 06/07/2017 को रात करीब 08 बजे अपनी ड्यूटी कर पैदल-पैदल राजीवगांधी चौराहे से भवरकुआं चौराहे की तरफ आ रहा था आई बस स्टाप के सामने आरोपी राहुल आया और उससे बोला कि उसे शराब पीना है उसे 500 रूपये दो तो मृतक ने बोला कि उसके पास पैसे नहीं हैं राहुल उसे मॉं बहन की गालियॉं देने लगा गालियॉं देने से मना करने पर अभियुक्त ने बगल में पड़ा बांस का डण्डा उठाकर डण्डे तथा लात-घूसों से मारना चालू कर दिया। उक्त मारपीट किये जाने से मृतक करण को माथा, ऑंख, कान, गर्दन, मुंह में चोट लगकर खून निकलने लगा तथा सीने में भी अंदरूनी चोटें लगीं। मृतक करण द्वारा शोर मचाने पर आने-जाने वालों ने तथा पीछे से आ रहे उसके लड़के सुनील ने बीच बचाव कर उसके पिता को छुड़वाया व घटना देखी। अभियुक्त राहुल जाते-जाते बोल रहा था कि आइंदा कभी शराब के लिए पैसे देने से मना किया तो जान से मार दूंगा। उसके पश्चात वह वहां से चला गया। पुलिस को घटना की सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा मृतक करण को एमव्हाय में भर्ती किया गया। जहां पर देहाती नालसी उसके द्वारा लेख कराई गई जिसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में ली गई थी। इलाज के दौरान करण सिंह की मृत्यु होने पर धारा 302 बढ़ाई गई थी। जिसमें आज दिनांक को न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।
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