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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से तहसील प्रतिनिधि एड. ललित बंधवार की रिपोर्ट

Various events on the birth anniversary of the saintly emperor Jayantsen Surishwarji, chanting, austerity, Gurunanuvaad and works done by Gausseva.

रानापुर । पुण्य सम्राट आचार्य जयंतसेन सुरीश्वरजी महाराज साहब जी के 85 वें जन्म दिवस को रानापुर के सकल जैन समाज,अभा श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक,महिला परिषद ने हर्षोल्लास के साथ मनाया। नगर के तीनों मंदिरों में उनकी आरती उतार कर दीप प्रज्ज्वलित किये। समाज के समस्त घरों पर भी शाम को दीपक लगाए गए। श्री मुनिसुव्रतस्वामी जिनालय यतींद्र ज्ञान मंदिर में सुबह पुण्य सम्राट की आरती हुई। दोपहर में महिला परिषद द्वारा सामूहिक सामायिक का आयोजन किया गया। जिसमे 20 महिलाओं ने सामायिक की।

 

इस अवसर पर प्रभावना चन्द्रसेन कटारिया एवम मोतीलाल कटारिया की और से वितरित की गई। रात्रि में श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद् द्वारा गुरुगुणानुवाद सभा का आयोजन कर पूज्य आचार्य श्री जयंतसेन सुरीश्वर जी के गुणों का बखान किया गया। गुरुगुणानुवाद सभा में सर्वप्रथम पुण्य सम्राट के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित किए गए। श्री संघ के उपस्थित सभी सदस्यों ने बारी-बारी से पुण्य सम्राट के चित्र के सम्मुख लगाए गए दीपक को प्रज्वलित किया गया। गुरुगुणानुवाद सभा की शुरुआत के गुरु भक्ति गीत परिषद अध्यक्ष पवन नाहर ने गाया। गुरुगुणानुवाद सभा में श्री मुनिसुव्रतस्वामी जिनालय श्रीसंघ के अध्यक्ष चंद्रसेन कटारिया, नवयुवक परिषद के अध्यक्ष पवन नाहर, श्री संघ के वरिष्ठ मदनलाल नाहर, मनोहर लाल नाहर, लक्ष्मीचंद्र नाहर, दिनेश चंद्र नाहर,कमलेश कटारिया, पंकज कटारिया ललित सालेचा ने पूज्य गुरुदेव के गुणों का बखान करते हुए उनके द्वारा समाज के लिए करवाए गए कार्यो का उल्लेख किया। एवं अपने जीवन में गुरुदेव के साथ हुए संस्मरण को सुनाया।


कार्यक्रम का संचालन रजनीश नाहर ने किया। गरुगुणनुवाद सभा में विनोद सालेचा दिलीप सालेचा श्रीमती इंदिरा सालेचा पाठशाला की बालिकाएं आदि उपस्थित थे। पुण्य सम्राट के जन्म दिवस के उपलक्ष में रविवार को श्री राज राजेंद्र गोपाल गौशाला में श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय जैन श्री संघ द्वारा गायों को गौग्रास भी करवाया गया। श्री सीमंधर स्वामी मन्दिर दादावाड़ी में भी पूज्य गुरुदेव के चित्र के सम्मुख 85 दीपक लगाए गए,आरती हुई एवम नवकार जप किये। गुरुदेव के जन्मदिवस को तप के रूप में मनाते हुए राजेन्द्र सियाल ने उपवास रखा।


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