संपादक अमीन मोहम्मद की कलम से✍️
इन मंत्रीयो को उपचुनाव के पहले देना पड़ेगा इस्तीफा।
भोपाल । मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने के लिए हो रहे 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर सरगर्मियाँ तेज़ हो गई है।
मध्य प्रदेश केँ उपचुनाव में कुछ चीजे पहली बार देखने को मिलेगी. मध्य प्रदेश में पहली बार 14 मंत्री उपचुनाव लड़ते दिखाई देंगे . यही नहीं मतदान से पहले दिग्गज मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत जो काँग्रेस सरकार गिरने और भाजपा सरकार बनने तक सबसे अधिक चर्चा में रहे , मंत्री पद पर काबिज नहीं रहेंगे. आपको बता दें कि दोनों ने काँग्रेस की विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने का काम किया था. नियमो को देखे तो कोई भी ऐसा शख्स छह माह से अधिक अवधि के लिए मंत्री पद पर नहीं रह सकता है, जो विधानसभा का सदस्य नहीं हो. इस तरह देखा जाए तो 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की यह समय सीमा समाप्त होने जा रही है और इस समय सीमा में उपचुनाव की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाएगी. आपकेँ लिएँ ये भी जानना जरूरी है कि दोनों अपनी परंपरागत सीटों से ही उपचुनाव लड़ रहे हैं. उपचुनाव की तारीख 3 नवंबर को है जबकि नतीजे 10 नवंबर को आएँगे . पहली बार उपचुनाव समय पर न होने के कारण दो विधानसभा की सीटें छह माह से अधिक अवधि तक खाली दिखाई दी. आपको याद होगा कि काँग्रेस सरकार गिरने की उथलपुथल के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
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