अग्रि भारत समाचार से राकेश लछेटा की रिपोर्ट
झकनावदा । सार्वजनिक गरबा प्रांगण छात्रावास मैदान झकनावदा में प्रतिवर्ष होने वाले नवरात्रि पर्व की धूम रहती है। लेकिन इस वर्ष कोरोना काल के चलते शासन-प्रशासन द्वारा बनाई गाइड लाइन अनुसार इस वर्ष केवल मातारानी जगत जननी माँ दुर्गा की केवल पूजन एवं महाआरती उतारी जा रही है। ततपश्चात गायन गरबे का आयोजन राजेन्द्र विश्वकर्मा,हेमेंद्र जोशी एवं कैलाश बखतपुरा द्वारा किया जाता है। लेकिन अष्टमी के दिन कोरोना पर भारी नजर आई माता रानी के प्रति भक्तो की आस्था। अष्टमी के दिन माताएँ बहने गरबा पंडाल पहुँची ओर वहां गरबा सुन माताएँ-बहने आपने आपको गरबे की धुन पर थिरकने से नही रोक पाई। और उपस्थित माताओ बहनो ने मातारानी के दरबार मे गरबे खेले। वही विकास राठौड़ ने अपने भांजे को गरबा पंडाल में माताजी के सामने तोल कांटा लगाकर अपने भांजे को फलों के बराबर तौलकर ली गई मन्नत उतारी एवम प्रसादी के रूप में फलों का वितरण किया।
मुख्य रूप से इनका रहा सराहनीय सहयोग-
गरबे में मुख्य रूप से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हेमेंद्र कुमार जोशी, मनोहर सिंह सेमलिया, प्रकाश राठौड़, नरेंद्र राठौड़, दुर्गेश लोहार, शुभम कोटडिया, राजेंद्र मिस्त्री, गोकुल दास बैरागी, हरि ओम कनालची, श्रेयांश बौहरा,यशेन्द्र राजपूत, आर्यन मिस्त्री, नारायण राठौर, हरिराम पडीयार, इलेक्ट्रिकसीयन आसिफ खान, दयाराम प्रजापत, कैलाश प्रजापत, नि:शुल्क डीजे सेवा देने वाले किशन लछेटा, कुणाल (बॉबी) कांसवा,बादल प्रजापति, धर्मेंद्र मिस्त्री,विकास राठौड़ आदि अपनी सेवा प्रदान कर रहे है।
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