अग्रि भारत समाचार से जुजर अली बोहरा
मेघनगर । वर्षावास हेतु अणु स्वाध्याय भवन पर विराजित विदुषी पूज्या पुण्यशिलाजी म.सा.मधुर व्याख्यानी पू. शिल्पाजी म.सा., विदुषी रेणुजी म.सा.,स्वाध्याय रसिका अनंतगुणाजी म.सा. एवं सेवाभावी अनुज्ञाजी म.सा. के सानिध्य में श्रीसंघ में ज्ञानदर्शन चारित्र और तप की आराधनाएं चल रही है।नवपद आयम्बिल ओली के तीसरे दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए पुण्यशिलाजी म.सा.म.सा. ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में गुरु का विशेष महत्व है। गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है व अंधकारमय है इसीलिए गुरु को सूर्य की उपाधि दी गई है।जिस प्रकार सूर्य संपूर्ण जगत को प्रकाशित करता है।
उसी प्रकार गुरु भी अपने ज्ञान रूपी सूर्य से हमारे जीवन को आलोकित करते हैं। ऐसे गुरु स्वयं छःकाय जीवो की रक्षा करते हुए सभी को अहिंसा का उपदेश देते हुए छह काय जीवों की रक्षा करने का संदेश देते हैं।
अनंतगुणाश्रीजी म.सा. ने छोटी बालिका तरुणा रवि सुराणा के 111 एकासन की दीर्घ तपाराधना पर तप स्तवन से अनुमोदना की।
करीब 25 से अधिक तप आराधक आयम्बिल एवं नवपद ओली में भी भाग ले रहे हैं।
प्रभावना का हंसमुखलाल मिश्रीमल वागरेचा परिवार ने लिया। रविवारीय धार्मिक संस्कार शिविर में कई बच्चों ने भाग लिया।सभी शिविरार्थी बच्चों को प्रभावना एवं स्वल्पाहार का लाभ रविकुमार बाबूलाल सुराना परिवार ने लिया। अष्टापद ओली के एकासन का लाभ अंकितकुमार रविकुमार सुराना परिवार ने लिया।
इस अवसर पर अलका रवि सुराना ने तप की बोली लेकर श्रीसंघ की ओर से तपस्वी का बहुमान करते हुए अभिनंदन पत्र भेंट किया। ऑस्ट्रेलिया से अंकित सुराना ने भी ऑनलाइन तप की अनुमोदना की। इस अवसर पर समाजसेवी प्रवीण सुराना डॉ.वैभव सुराना एवं पूर्णिमा सुराना भी उपस्थित थे।
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