अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । जैन समाज की अमूल्य धरोहर साधु साध्वी भगवंत जो की चातुर्मास प्रवेश के पूर्व उग्र विहार कर फरमाए गए चतुर्मास स्थल पर पहुंचने के लिए निरंतर विहार कर रहे हैं। लेकिन एक और देखा जा रहा है की जैन समाज संतों की विहार सेवा में कम समय दे पा रहे हैं। जिसके चलते आए दिन जैन साधु संत या तो सड़क दुर्घटना यह शिकार हो जाते या उन पर किसी ना किसी प्रकार की घटना घटित हो जाती है। आपको बता दें कि हाल ही में कुछ दिनों पूर्व गुजरात राजस्थान बॉर्डर से लगे रतनपुर से 8 किलोमीटर दूरी पर रात्रि 11:30 बजे 15 से 20 अज्ञात आदमियों की टोली एक स्कूल में रात्रि विश्राम हेतु ठहरी महा साध्वी श्री जी महाराज साहब विराजमान थे उन पर धारदार हथियारों से हमला करने की कोशिश की गई। लेकिन स्कूल का दरवाजा महासती जी महाराज साहब ने अंदर से बंद कर दिया । बाद उन लोगों ने दरवाजा तोड़ने का काफी प्रयास भी किया लेकिन दरवाजा तोड़ने में सक्षम रहे महासती जी महाराज साहब के साथ में सेवक, वाहन चालक को बहुत पीटा गया। वही रात को एक साध्वी जी महाराज साहब के साथ एक महिला सेवा में थी उन्होंने नजदीकी श्रावको को उदयपुर फोन कर दिया। उनकी सेवा में रात को 2:30 बजे उदयपुर से सेवक पहुंचे बाकी आसपास के श्रावक भी उक्त घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गए। वहीं यदि वह लोग दरवाजा तोड़ देते तो जैन समाज की धरोहर साध्वी श्री पर हो सकता कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती थी।
जैन संतो हो सुनिश्चित स्थान पर विहार करवाना हमारा कर्तव्य
अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नव युवक परिषद शाखा झकनावदा अध्यक्ष मनीष - शेतानमल कुमट (जैन) झकनावदा ने बताया कि जैन साधु साध्वी भगवंत जैन समाज के अमूल्य धरोहर है इसलिए मेरा समस्त जैन समाज से निवेदन है कि आप अपने अपने क्षेत्र में जो भी साधु संत उग्र विहार कर विचरते हैं आप उनकी आहार-विहार सेवा को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ देखें। एवं उन्हें अपने क्षेत्र से विहार करवाए और यदि वह आगे की ओर विहार करते हैं तो आगे वाले गांव शहर के प्रमुख को सूचित करें ,ताकि हमारे साधु संत पर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटीत ना हो। ताकि हमारे समाज की धरोहर सुरक्षित रहे क्योंकि संत है तो समाज है। साधु संतो की विहार सेवा में शासन प्रशासन को भी सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करना चाहिए।
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