अग्रि भारत समाचार से तहसील संवाददाता शब्बीर मर्चेंट की रिपोर्ट
अलिराजपुर । मध्यप्रदेश कोरोना काल में होम्योपैथिक डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना समय में शासकीय, अशासकीय अस्पताल डिस्पेंसरीयो मैं सेवा कार्य किया गया। फिर भी होम्योपैथी चिकित्सकों के साथ शासकीय नौकरी के अवसर में लगातार भेदभाव किया जा रहा है जैसे कि वर्तमान में आयुष विभाग की सी.एच.ओ. पद की नियुक्ति हो, वैलनेस सेंटर हो, एनआरएचएम की भर्ती हो, सभी जगह होम्योपैथी चिकित्सकों को पृथक कर दिया जाता है जो न्यायोचित नहीं है। इसको पूर्व में भी विगत 10 वर्षों में शासन को अनेकों बार ज्ञापन दिया जा चुका है फिर भी होम्योपैथिक चिकित्सकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इस कारण प्रदेश के 30,000 होम्योपैथिक चिकित्सकों मैं रोष व्याप्त है।
होम्योपैथि चिकित्सकों की शासन से मांग इस प्रकार है-
1. 7 दिन के भीतर आयुष विभाग की सी.एच.ओ. पद की नियुक्ति हो, होम्योपैथिक चिकित्सकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए ।
2. होम्योपैथि को आयुष विभाग से भिन्न कर राजस्थान, उत्तर प्रदेश के समान अलग विभाग बनाया जाए ।
3. आपके द्वारा की गई घोषणा जन समवर्धन बोर्ड को तत्काल अमल में लाया जाए ।
ज्ञापन सोपते समय आइडियल क्योर एसोसिएशन समिति के जिलाध्यक्ष डॉक्टर रियाज शेख, डॉक्टर सुनील वाणी, डॉक्टर अफसर पठान, डॉक्टर अश्विन गुप्ता, डॉक्टर परेश पटेल , डॉक्टर सचिन वाणी ने अपनी मांगों के साथ मुख्यमंत्री के नाम यह ज्ञापन सौप कर शासन से मांग की । यदि 7 दिवस के भीतर हमारी मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो हम चरणबद्ध आंदोलन करने हेतु मजबूर होंगे इसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
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